भूगोल विषय से आज हम सभी परिचित हैं। साथ ही हम यह भी जानते हैं कि भूगोल एक आकर्षक , मनोरंजक तथा मुग्ध करने वाला विषय है। यह हमें पृथ्वी के विभिन्न अवयवों की तथा आधुनिक विश्व की अनेक जानकारी प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
“भूगोल का संबंध भूपृष्ठ के अध्ययन से है जहाँ मानव सहित सभी जीव निवास करते हैं।”
भूगोल क्या है ? (What is Geography)
साधारण शब्दों में कहें तो भूगोल पृथ्वी का वर्णन है। अर्थात भूगोल विश्व के विभिन्न भागों में उच्चावच , जलवायु , जलप्रवाह , वनस्पति , मृदा आदि में पाई जाने वाली विविधताओं का वर्णन करता है।
भूगोल एक प्राचीन विज्ञान है, जिसके अन्तर्गत धरातल पर मिलने वाले विविध तत्वों का अध्ययन किया जाता है। प्राचीन यूनानी विद्वान इरेटोस्थनीज (Eratosthenes) ने ‘भूगोल’ (Geographia) का नामकरण करते हुए इसे एक विशिष्ट विज्ञान के रूप में स्थापित करने का प्रयास किया।
तत्पश्चात् हेरोडोटस (Herodotus) तथा रोमन विद्वानों स्ट्रैबो (Strabo) एवं टॉलेमी (Ptolemy) ने इसे एक सुनिश्चित स्वरूप प्रदान किया।
भूगोल किन किन शब्दों से मिलकर बना है तथा भूगोल का शाब्दिक अर्थ क्या है ये सभी जानकारियां पिछली पोस्ट में दी जा चुकी है जिसका लिंक अधोलिखित है। अतः अभी यहां सिर्फ भूगोल की कई विद्वानों द्वारा दी गयी परिभाषाओं की व्याख्या की जायेगी।
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भूगोल की परिभाषाएं (Definitions of Geography):
1. एल०डी० स्टाम्प के अनुसार ,”भूगोल मानव के निवास के रूप में पृथ्वी का वर्णन है।”
2. रिचर्ड हार्टशॉर्न के अनुसार ,”भूगोल पृथ्वी पर क्षेत्रीय विभिन्नताओं के विवरण तथा व्याख्या से संबंधित है।”
3. हेट्टनर ने इन शब्दों में भूगोल को परिभाषित किया है ,”भूगोल पृथ्वी के विभिन्न भागों में कार्य कारण संबंध का अध्ययन करता है।”
4. स्ट्रैबो के अनुसार ,”भूगोल एक ऐसा स्वतंत्र विषय है जिसका उद्देश्य लोगों को इस विश्व का, आकाशीय पिण्डो का, स्थल, महासागर , जीव जंतुओं , वनस्पतियों , फलों तथा भूधरातल के क्षेत्रों में देखी जाने वाली प्रत्येक वस्तु का ज्ञान प्राप्त कराना है।”
5. कलैडियस टॉलमी के अनुसार,” भूगोल पृथ्वी की झलक को स्वर्ग में देखने वाला आभामय विज्ञान है।”
6. कार्ल रिटर के अनुसार के शब्दों में,” भूगोल वह विज्ञान है जिसमें पृथ्वी को स्वतंत्र ग्रह के रूप में मान्यता देते हुए उसके समस्त लक्षणों, घटनाओं एवं उसे अन्तः संबंधों का अध्ययन किया जाता है।”
7. आर्थर होम्स के शब्दों में,” भूगोल में पृथ्वी के उस भाग का अध्ययन किया जाता है जो मानव के रहने का स्थान है।”
8. प्रसिद्ध विद्वान काण्ट के अनुसार ,” भूगोल भूतल का अध्ययन है।”
9. जर्मन दार्शनिक तथा भूगोलवेत्ता इमेनुएल काण्ट (Emanuel kant , 1780) के अनुसार, “भूगोल दृश्यमान परिघटनाओं का प्रतिवेदन है जो अंतरिक्ष में एक-दूसरे के बाद घटित होती हैं।”
In english : “Geography is a report of phenomena that occur next to each other.”
10. भूगोल पृथ्वी तल की परिवर्तनशील विशेषताओं के यथार्थ, क्रमबद्ध एवं युक्तिसंगत वर्णन तथा व्याख्या से संबंधित है।
In english: “Geography is concerned with accurate, orderly and rational description and interpretation of the variable character of the earth’s surface.”
11. रिचर्ड हार्टशोर्न के अनुसार: “भूगोल का उद्देश्य धरातल की प्रादेशिक/क्षेत्रीय भिन्नता का वर्णन एवं व्यख्या करना है।”
12. अल्फ्रेड हैटनर के शब्दों में : “भूगोल धरातल के विभिन्न भागों में कारणात्मक रूप से संबंधित तथ्यों में भिन्नता का अध्ययन करता है।”
13. स्ट्रैबो ने पहली बार भूगोल को परिभाषित करते हुए लिखा है, “भूगोल हमें पृथ्वी पर और जल में निवास करने वालों का बोध कराता है तथा यह जानकारी भी देता है कि पृथ्वी के विभिन्न भागों में क्या विशेषताएं हैं।”
14. टॉलमी ने भूगोल को परिभाषित करते हुए लिखा है, “भूगोल उर्ध्वपातन विज्ञान है जो पृथ्वी का परावर्तन देखता है।”
15. बर्नहार्ड वारेनियस ने भूगोल की परिभाषा इस प्रकार दी, “भूगोल पृथ्वी की सतह को अध्ययन का केंद्र मानकर उसे समझाने वाली विधा है। इसमें जलवायु , धरातलीय लक्षण , जल , वन एवं मरुभूमि , खनिज एवं पशु तथा धरातल पर बसे हुए मानव तथ्यों का निरीक्षण एवं वर्णन सम्मिलित है।”
16. काण्ट महोदय ने भूगोल को इस तरह भी परिभाषित किया है, “भूगोल वह विज्ञान है जिसमें पृथ्वी के उस भाग का अध्ययन किया जाता है जो मानव का है।”
17. हम्बोल्ट के अनुसार, “भूगोल में पृथ्वी तल का अध्ययन मानव के निवास के रूप में किया जाता है।”
18. कार्ल रिटर के अनुसार, “भूगोल में पृथ्वी तल का अध्ययन किया जाता है जोकि मानव का निवास गृह है।”
19. रिचथोफेन के अनुसार, “भूगोल में पृथ्वी तल के विभिन्न क्षेत्रों का अध्ययन उसकी समस्त विशेषताओं के आधार पर किया जाता है।”
20. हेटनर के अनुसार, “भूगोल वह क्षेत्रीय विज्ञान है जिसमें पृथ्वी तल के क्षेत्रों का अध्ययन उनकी विभिन्नताओं तथा स्थानिक संबंधों की पृष्ठभूमि में किया जाता है।”
धन्यवाद🙏
आकाश प्रजापति
(कृष्णा)
ग्राम व पोस्ट किलहनापुर, कुण्डा प्रतापगढ़
छात्र: प्राचीन इतिहास कला संस्कृति व पुरातत्व विभाग, कलास्नातक द्वितीय वर्ष, इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय
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